Posts

Showing posts from August, 2020

स्मार्त और वैष्णव मत। বৈষ্ণব মত(গোস্বামী) এবং স্মার্ত মত।

Image
। स्मार्त और वैष्णव मत।  স্মার্ত মত स्मार्त मत और वैष्णव मत एवं दोनों मतों पर आधारित पर्व। सनातन (हिन्दू )धर्म में चार मुख्य सम्प्रदाय हैं : वैष्णव (जो भगवान विष्णु को परमेश्वर मानते हैं), शैव (जो भगवान शिव को परमेश्वर मानते हैं), शाक्त (जो देवी दुर्गा को परमशक्ति मानते हैं) और स्मार्त (जो परमेश्वर के विभिन्न रूपों को एक ही समान मानते हैं) सरल भाषा में भगवान शिव को अपना ईष्ट मानने वाले ' शैव ', शक्ति अर्थात् दुर्गा को अपना ईष्ट मानने वाले 'शाक्त ' व भगवान विष्णु को अपना ईष्ट मानने वाले ' वैष्णव ' कहलाते हैं।  मोटे तौर पर ऐेसे व्यक्ति जो  पंचदेवों (गणेश, विष्णु,‍ शिव, सूर्य व दुर्गा) के उपासक और गृहस्थ धर्म का पालन करने वाले होते हैं, उन्हें स्मार्त कहते हैं ।  आदि शंकराचार्य ने साधारण गृहस्थों को पाँच देवताओं की पूजा की महत्ता को समझाया। इन पंचदेवताओं में भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान सूर्य और शक्ति (जो दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती जैसे रूपों में प्रकट होती हैं) शामिल हैं। इन देवताओं की पूजा करने से श्रद्धा, विश्वास और समर्थता में वृद्धि होती है। यह पूज