जनेऊ या यज्ञोपवीत धारण विधि। The procedure for wearing the sacred thread ( "Janeyu" or "Yajnopavita")
Yajñopavītam (यज्ञोपवीतम्) English-and-Hindi version:- यज्ञोपवीत सनातन हिंदू धर्म के 16 संस्कारों [ गर्भाधान संस्कार: पुंसवन संस्कार:सीमन्तोन्नयन संस्कार:जातकर्म संस्कार:नामकरण संस्कार:निष्क्रमण संस्कार:अन्नप्राशन संस्कार:चूड़ाकर्म संस्कार: विद्यारम्भ संस्कार:कर्णवेध संस्कार: यज्ञोपवीत संस्कार : वेदारम्भ संस्कार :केशान्त संस्कार:समावर्तन संस्कार:विवाह संस्कार:अंत्येष्टि संस्कार: ] में से एक है। यज्ञ रूपी परमात्मा के लिए जो प्रतिज्ञा सूत्र धारण किया जाता है, उसे यज्ञोपवीत कहते हैं। इसे जनेऊ या यज्ञ सूत्र भी कहा जाता है। जनेऊ के तीनों सूत्र देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं। यज्ञोपवीत (संस्कृत संधि विच्छेद: यज्ञ + उपवीत) धारण करने के संस्कार को उपनयन संस्कार कहा जाता है। उपनयन संस्कार के बाद बालक का गुरुकुल में विद्यारंभ होता है। यज्ञोपवीतम्-जनेऊ या यज्ञोपवीत। यह पवित्र धागा सूत से बना होता है, जिसे यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनता है। यज्ञोपवीत एक विशिष्ट सूत्र है, जिसे विशेष विधि से ग्रंथित करके बनाया जाता है। इसमें सात ग्रंथ...