"What should be the character of Brahmins?" "ब्राह्मणों का चरित्र कैसा होना चाहिए?"

शुद्ध चित्त हरि भक्त,न तस्य सदृशो ब्राह्मणः मिथ्या जीवने मृत्युः श्रेष्ठः, असत्यकर्मफलदुःखम्। सत्यधर्मचरिणः मोक्षः, सदा मुक्तः सुखदायकः॥ ॥ ब्राह्मणलक्षणवर्णनम् ॥ धर्मं जानाति यो नित्यं धर्मे तिष्ठति पण्डितः। धर्ममार्गे सदा याति स धर्म्यः पुरुषो मतः॥ स ब्राह्मण उच्यते शास्त्रैः, स ब्राह्मण इति स्मृतः॥ कर्मकाण्डविदां श्रेष्ठो नित्यं वेदाभ्यसे यतः। धर्मशास्त्रपुराणज्ञः स धर्मज्ञः प्रकीर्तितः॥ स ब्राह्मण उच्यते शास्त्रैः, स ब्राह्मण इति स्मृतः (हिन्दी भावार्थ): जो व्यक्ति नित्य धर्म को जानता है और धर्म में स्थित रहता है, धर्ममार्ग में सदैव चलता है, वही पण्डित और धर्मात्मा पुरुष माना गया है। जो वेदों का नित्य अध्ययन करता है तथा धर्मशास्त्र और पुराणों का ज्ञाता है, वही धर्मज्ञ कहलाता है। ऐसा पुरुष ही शास्त्रों के अनुसार ब्राह्मण कहा गया है और ब्राह्मण के रूप में स्मरण किया गया है। Introduction: English Meaning: The one who understands Dharma is called a Brahmana.The one who abides in Dharma is a Brahmana. The one who walks the path of Dharma is a Brahmana. The one who honors and reveres Dha...